TCP IP Model in Hindi | DoD Model और उसके Layers और उनका काम

कम्प्यूटर और specially Computer Networking के बारे में अगर आप study कर रहे है तो TCP/IP को जाने बिना आपकी Networking कभी पूरी नही हो सकती है, क्योंकि TCP/IP (Transmission Control Protocol/Internet Protocol) Protocol, networking का बेस होता है।

Protocol को हम हिंदी में नियम कहते हैं जिससे आप समझ गए होगे की TCP/IP कम्प्यूटर नेटवर्किंग के लिए बनाया गया नियम है जिसपर पूरी कम्प्यूटर नेटवर्किंग काम करती है 

आइए जानते हैं TCP/IP क्या होता है ? इसे जाने बिना क्यों आपकी Computer Networking की जानकारी अधूरी है।इस पोस्ट में आपको TCP/IP और इसके layers के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।

Transmission Control Protocol/Internet Protocol का इतिहास :-

इस मॉडल को लाने का यही मक़सद नेटवर्किंग को आधुनिक बनाना था क्यूँकि उस टाइम पर अगर आपको दो different devices को communicate करना हो तो वह impossible था क्योंकि उसके लिए same कम्पनी का ही डिवाइस होना ज़रूरी हुआ करता था।

 जैसे Dell का Device सिर्फ़ Dell के ही डिवाइस से communicate करेगा, ना की Lenovo के device से, इस प्रॉब्लम को solve करने के लिए इस मॉडल को पहली बार American Department of defence के द्वारा 1973 में लाया गया। 

जिसकी वजह से इसको DoD Model भी कहा जाता हैं। Hardware dependency को ख़त्म करने के लिए TCP/IP को सबसे पहले 1973 में लाया गया था, और 1978 में इसको दो अलग-अलग protocols में बाट दिया गया TCP और IP।

बाद में इस protocols ने 1983 में Network Control Protocol को replace कर दिया जो TCP से पहले यूज़ में था, और इसके बाद  ARPAnet (Advanced Research Project Agency) ने इसको official authorized कर दिया की अब से जो भी data का transfer होगा उस में इस Protocol का ही उपयोग  किया जाएगा।

Dynamic Routing और End Node Verification इस मॉडल के 2 सबसे महत्वपूर्ण feature है। जिसकी वजह से इसको आज तक यूज़ किया जाता है।

 End node Verification का मतलब होता है कि अगर मुझे मेरा data एक host PC से दूसरे Host PC तक Internet के जरिय  भेजना हो तो वह उस तक पहुँच जाए और इसके लिए ये क्या route select करता है उससे मुझे मतलब नही है मेरा data receiver PC तक पहुँच जाए।

 इसके लिए यहाँ Dynamic Routing किया गया जिससे किसी भी way को use करके data को सही तरीक़े से Receiver PC तक पहुँचा दिया जाए।

TCP/IP Model क्या है ?

क्या अपने कभी सोचा है कि Computer एक दूसरे से कैसे बात करते है? चाहे  Same local network हो या फिर internet के माध्यम से? 

दो Computers के बीच Network के माध्यम से जो भी Communication होता है  उसमें TCP/IP Protocol suit का यूज़ किया जाता है। 

TCP/IP Protocol suit कई layers में काम करता है और हर एक लेअर का अपना एक स्पेसिफ़िक काम होता है।TCP/IP का फ़ुलफ़ॉर्म होता है TCP का फ़ुलफ़ॉर्म होता है

Transmission Control Protocol और IP का फ़ुलफ़ॉर्म होता है Internet Protocol ( ट्रैन्स्मिशन कंट्रोल प्रोटकॉल और इंटर्नेट प्रोटकॉल)

Layers Of Transmission Control Protocol/Internet Protocol | DoD Model

TCP/IP  भी OSI Model के जैसा ही है लेकिन इसमें 7 layers ना हो कर 4 ही Layers होती हैं। और इसको हमेशा ऊपर से नीचे की ओर लिखते है, लेकिन पढ़ते नीचे से ऊपर की ओर है।

4 layers Structure 

  • Application Layer 
  • Host-To-Host or Transport layer
  • Internet layer
  • Network Access layer or Link Layer
TCP/IP Network diagram how it is work
Transmission Control Protocol/Internet Protocol Model से Network कीक्या-क्या Problem Solve हुयी?

इस मॉडल की help नीचे दिए गयी Network की problems को solve किया गया।

  • Addressing 
  • Routing 
  • Name Resolution 
  • Flow & Error Control 
  • interoperability

Application Layer :-  

Application Layer सबसे ऊपरी लेअर होती है और इस लेअर का काम होता है  की यह ये defines करे की कैसे Node-to-Node application का Communication होगा और  user के interface (Session) को कंट्रोल किया जाएगा।

यह layer data को process karke transport layer को देती है जिससे इन्फ़र्मेशन अपनी destination तक पहुँचाया जाए।

Example :- 

जैसे अगर आप अपने फ़ोन में के ब्राउज़र में एक TAB में YouTube open करते है और उसके साथ ही आप new Tab में FB ओपन करते है। तो ये दोनो Tab(YouTube/ FB) कभी आपस में नही मिलते है।

 ऐसा कभी नही होता की FB के TAB में Google की information आ रही हो और Youtube वाले TAB में FB की, ये अग़ल-अग़ल ही TAB में open रहते है और अलग-अलग काम करते है। इसको Application layer manage करता है।

Application layer पर कौन-कौन से Protocols काम करते है?

  • Telnet
  • SSH (Secure Shell)
  • FTP (File Transfer Protocol)
  • TFTP (Trivial File Transfer Protocol)
  • SNMP (Simple Network Management Protocol)
  • HTTP (Hypertext Transfer Protocol)
  • HTTPS (Hypertext Transfer Protocol Secure)
  • NTP  (Network Time Protocol)
  • DNS (Domain Name System)
  • DHCP/ BootP (Dynamic Host Configuration Protocol)
  • APIPA (Automatic Private IP Addressing)

Host-To-Host or Transport layer :-

 transport Layer  Network की backbone होता है जो data को Application से received करता है और उसके आगे  एक host से दूसरे Host के बीच transmit कर देता है । Process-to-Process Comm using Port No.

इस layer पर बहुत से protocol काम करते है लेकिन इस पर काम करने वाले  सबसे famous Protocols है TCP और UDP जो इस layer पर सबसे ज़्यादा काम करते है।

TCP क्या होता है ? 

TCP का फ़ुलफ़ॉर्म होता है Transmission Control Protocol जो की Connection-oriented, reliable और accurate Protocol है। जिसका उपयोग तब होता जब Sender Host PC – Receiver Host PC को data ट्रान्स्फ़र करता है तो Receiver PC इसका Acknowledgement देता है।

अगर Receiver PC को कोई packet नही मिलता है या पैकेट ड्रॉप हो जाता है उस condition में वह data को retransmission करता है। जिससे data Packet Drop नही होता और data Receiver PC को Receive हो जाता है 

इसको non-real time के लिए यूज़ किया जाता है। जिससे इसकी transmission स्पीड slow हो जाती है।

जैसे किसी को मेल भेजना, file डाउनलोड करना, file transfer करने में इसका उपयोग होता है।

UDP क्या होता है ? 

UDP काफ़ुलफ़ॉर्म होता है User Datagram Protocol यह non-reliable, Connection-less protocol है, लेकिन इसके बिना रियल-टाइम work possible नही है। इसमें data का retransmission नही होता है।यह बहुत काम का protocol है। ये ना तो आप YouTube, Netflix, Amazon और भी live streaming विडीओ नही देख पायेंगे।

UDP-Data-Flow-diagram-

इसका उपयोग विडीओ कॉलिंग, विडीओ देखना, डेटा को Fast Transfer करने में किया जाता है।

Internet layer (Network Layer) :-

Internet layer को Network layer भी कहा जाता है। इस layer पर IP (Internet Protocol) काम करता है और यह sender or Receiver की IP Address को बताता है और Routing को बताता है की data कैसे जाएगा network में । यह OSI model के Network Layer के जैसे ही काम करता है। यह Connection-oriented होता है।

Network Access Layer :- 

यह combination है Physical or Data link layer का इसका काम होता है डिवाइस के  Mac Address पर काम करना, जो OSI की data link layer पर होता है।

और data कैसे frame में बनेगा और bit में transmit होगा। इस layer par जो Protocols काम करते है वो कुछ इस तरह है।

  • IP
  • ICMP
  • IGMP
  • ARP
  • RAPA
एक झलक 

आज हमने TCP/IP Model से सम्बंधित सभी जानकारियों को बारीकी से जाना है, अगर हमारे किसी पाठक को लगता है की हमसे कोई जानकारी साझा करना रह गया है तो कृपया हमें कॉमेंट करके बताए। हम उसे अप्डेट करेंगे जिससे पाठकों को ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी प्राप्त होगी । 

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