Pegasus Spyware meaning in Hindi : पिछले कुछ दिनो से पेगासस स्पाईवेयर का नाम सुर्ख़ियों में बना हुआ है। ऐसे में ज़्यादातर लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है की आखिर यह पेगासस स्पाईवेयर (Pegasus Spyware) क्या है? और यह कैसे काम करता है?
कैसे इसका यूज़ करके दूसरों का फ़ोन हैक किया जा सकता है? कैसे यह स्मार्ट्फ़ोन पर अटैक करता है। आपके इन सभी सवालों का जवाब हम इस लेख के माध्यम से देंगे। लेकिन आइए उससे पहले यह जानते है कि What is Pegasus Spyware in Hindi
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Pegasus Spyware kya hai?
आपको बता दे Pegasus स्पाईवेयर इजरायली कम्पनी, NSO ग्रूप द्वारा तैयार किया गया एक खतरनाक स्पाईवेयर है। जिसका उपयोग स्मार्ट्फ़ोन के जरिये यूज़र की निगरानी और जासूसी करने के लिए किया जाता है।
लेकिन आपको यह जान कर हैरानी होगी की यह किसी अन्य स्पाईवेयर की तरह बिल्कुल भी काम नहीं करता है।
NSO ग्रूप के अनुसार यह स्पाईवेयर को खास ध्यान में रख कर कई देशों के सरकारो के लिए बनाया गया है। 2016 में पहली बार इस स्पाईवेयर का नाम दुनिया के सामने आया था। जब इसकी खोज UAE के एक ह्यूमन राइट ऐक्टिविटी ने की थी। जो खुद पेगासस स्पाईवेयर की टार्गेट में से एक था।
पेगासस स्पाईवेयर का मेन टार्गेट आइफ़ोन यूज़र होते है। पेगासस स्पाईवेयर आइफ़ोन में होने वाले बग और खामी का फ़ायदा उठा कर फ़ोन की जासूसी करना शुरू कर देते है।
हालाँकि Apple ने अभी इस बग और खामी को दूर कर दिया है जिसका उपयोग पेगासस स्पाईवेयर फ़ोन को हैक करने के लिए करता था। लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार इस स्पाईवेयर ने बहुत सारे आइफ़ोन डिवाइस को पिछले कुछ सालो में प्रभवित किया है।
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पेगासस स्पाईवेयर कैसे चुराता है पर्सनल जानकारी
antivirus बनाने और साइबर सुरक्षा प्रदान करने वाली एक कम्पनी kaspersky के अनुसार, पेगासस स्पाईवेयर एक मॉड्यूलर मैलवेयर है। जो डिवाइस में इंस्टॉल होने के बाद, टार्गेट यूज़र के मोबाइल की हर एक ऐक्टिविटी पर ध्यान रखती है और उसकी पूरी जासूसी करती है।
पेगासस स्पाईवेयर टार्गेट डिवाइस में आने वाले मैसेज, ईमेल को पढ़ने के साथ, कॉल सुनने, ब्राउज़र हिस्ट्री, स्क्रीनशॉट लेने और कांटैक्ट की जानकारी प्राप्त करने के लिए टार्गेट डिवाइस में एक मॉड्यूल इंस्टॉल करता है।
इसके अलावा यह डेटा चोरी करने के लिए बिना यूज़र के पर्मिशन के ही कैमरा रेकोडिंग और माइक्रोफ़ोन को ऐक्टिव कर देता है। यह कॉल और वाँयस मेल भी सुन सकता है। और टार्गेट डिवाइस के लोकेशन की भी जानकारी एकत्र कर सकता है।
यह इतना खतरनाक है कि यह आपके डिवाइस में आने वाले encrypted message को पढ़ और call को भी सुन सकता है। जैसे कि Whatsapp और signal के डेटा को encrypted होने से पहले ही चुरा लेता है।
कैसे काम करता है Pegasus ?
एक रिपोर्ट के अनुसार अभी तक जितने भी ऑनलाइन साइबर क्राइम हुए है। हैकर उसके लिए ज़्यादातर ऐसे फ़िशिंग लिंक या एसएमएस (SMS) का उपयोग करते है। ताकि यूज़र उनके झाँसे में आसनी से आ जाये ।
लेकिन Pegasus वर्ज़न को “zero click” के जरिये भी टार्गेट डिवाइस में इंस्टॉल किया जा सकता है। जिसका मतलब होता है की भले ही यूज़र ने किसी मैलिशियस लिंक पर क्लिक किया हो या नहीं।पेगासस स्पाईवेयर को यूज़र के फ़ोन में इंस्टॉल किया जा सकता है। पेगासस स्पाईवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम में आयी कमी का फ़ायदा उठा कर यूज़र का फ़ोन हैक कर लेता है।
Pegasus स्पाईवेयर इतना खतरनाक क्यों है?
ज़्यादातर स्पाईवेयर इंस्टॉल होने के बाद यह संकेत देते है की डिवाइस हैक हो गया है। लेकिन पेगासस स्पाईवेयर में यह देखा गया है की यह इंस्टॉल होने के बाद किसी भी तरह का कोई संकेत नहीं देता है और ना ही कोई प्रूफ़ या फ़ुटप्रिंट छोड़ता है।
जिसे यह पता ही नहीं चल पता है की आपका डिवाइस हैक हुआ है या नहीं, ऐंड्रॉड फ़ोन को हैक करने के लिए Pegasus, Framaroot नाम की एक लोकप्रिय रूटिंग प्रॉसेस का इस्तेमाल करता है जो इसे सीधे यूज़र के डिवाइस से कुछ भी चोरी करने की अनुमति देता है।
ऐसे में देखा जाये तो यह पेगासस स्पाईवेयर बहुत ही ज़्यादा घातक साबित हो सकता है। क्योंकि हैकर फ़ोन के हैक करने के लिए हमेशा अलग-अलग तरीक़े अपनाते रहते है। ऐसे में यदि आपका फ़ोन में किसी ने पेगासस स्पाईवेयर को इंस्टॉल भी कर दिया तो आपको पता नहीं चलेगा और आपकी सारी जानकारी उस तक पहुँच जाएगी।
इस पेगासस स्पाईवेयर की सबसे डराने वाली यह बात है की यह आपके डिवाइस में तब भी काम करता रहता है जब आपका डिवाइस लॉक हो, ऐसे में इसे बचाव का केवल एक ही तरीक़ा है कि आप aware है।
पेगासस स्पाईवेयर का प्राइस कितना है?
जब से यह मामला भारत की सांसद में उठा है। आम लोगों ने गूगल पर सर्च करना शुरू कर दिया है। जैसे Pegasus apk download, Pegasus free, apk mod download।
क्योंकि ज़्यादातर लोगों को यह एक सामान स्पाईवेयर लग रहा है जिसके कारण अब हर कोई इसे डाउनलोड करके दूसरे की जासूसी करना चाहता है। परंतु क्या आप जानते है इस स्पाईवेयर की क़ीमत कितनी है अगर नहीं तो आपको बता दे इस स्पाईवेयर की क़ीमत क़रीब 25000$ – 35000$ बताई जा रही है। जिसका मतलब हुआ कि अगर आप पेगासस स्पाईवेयर को उपयोग करना चाहते है तब आपको इसके एक लाइसेन्स के लिए भारतीय रुपए में क़रीब 20 से 30 लाख रुपए देने होगे।
यह कोई साधारण स्पाईवेयर नहीं है। इसे खास ध्यान में रख कर बनाया गया है। इसलिए अगर आप भी इसे फ़्री में डाउनलोड करने के लिए गूगल पर कोशिश करे है तब यह आपको वहाँ नहीं मिलने वाला है। और कही ऐसा ना हो की आप इस स्पाईवेयर के चक्कर में पढ़ कर खुद को ही हैक करा बैठे।
दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको पेगासस स्पाईवेयर से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त हो गई होगी। यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमें कॉमेंट करके बता सकते है।