मानसिक तनाव (Mansik Tanav/Mental Stress) आज के समय में हमारे समाज में बढ़ती हुई बहुत भयानक महामारी है कोई भी अपने जीवन में खुश नही है.ऐसा क्या होता जा रहा हमारे समाज में की हर कोई इस समस्या का शिकार है.
शायद आप भी इस मानसिक विकार के शिकार हो चुके है.ये महामारी हमारे मूल सिद्धांतों को ख़त्म करती जा रही, हमारे समाज में रिश्तों की जो अहमियत हमें बतायी गयी है, वो अहमियत इस महामारी का शिकार होती जा रही है.
अगर आप भी इस जैसी विकृति से ग्रसित है तो ये लेख आपके लिए है और अगर नही है तो भी ये लेख आपको मानसिक तनाव से जैसी विकृति से ग्रसित आपके किसी अपने के लिए महत्वपूर्ण है.
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मानसिक तनाव / Mental Stress या मानसिक विकृति का हमपे असर-
क्या आपको कभी आईने में अपने चेहरे को देख कर ऐसा लगता है की आप अपनी उम्र से ज़्यादा के दिख रहे हो ,अगर आपको ऐसा लगता है .
तो आप क्या करते हो आप मार्केट से एक फ़ेस क्रीम लेकर आते हो और उसपे पैसा खर्च करते हो लेकिन क्या वो फ़ेस क्रीम आपके चेहरे की रौनक़ वापस कर पाती है आपको? नही क्योंकि आपका अपनी उम्र से ज़्यादा दिखना और उसका कारण मानसिक तनाव की वजह से है जिसको आप स्वीकार नही करना चाहते हो लेकिन क्यों?
Mansik Tanav / Mental Stress आज के समय में हर उम्र वर्ग के मानव में देखी जा सकती है, एक वृद्ध अपने बुढ़ापे में हुई बीमारी की वजह से तनाव में है, बच्चे परीक्षा में अच्छे नम्बर ना आने के डर से मानसिक तनाव में है.
और एक वयस्क अपने भविष्य की चिंता से Mansik Tanav में है. आज हम भौतिक रूप से जितने सम्प्पन है मानसिक अशांति से उतने ही ग्रसित हो चुके है.
एक वक्त था जब उम्र दराज लोगों में ये बीमारी होती थी लेकिन आज के समय में अपने जीवन के प्रथम चरण में कदम रखने वाले एक बच्चे में भी इस विकार के लक्षण देखने को मिल रहे है.
Mansik Tanav / Mental Stress समाज पर इसका का असर
क्या होता जा रहा है हमारे समाज को कहने को हम आधुनिक होते जा रहे है लेकिन क्या सच में ये आधुनिकता हमारे जीवन में ख़ुशी ला रही है या हमें बीमार बहुत ज़्यादा बीमार करती जा रही है.
ये एक ऐसी बीमारी है जिससे हम सभी ग्रस्त है लेकिन इसका समाधान हमारे पास नही है.आज हम अपनी इस मानसिक विकृति की वजह से अपने परिवार और अपने संबंधो को खुद ही धीरे धीरे ख़त्म करते जा रहे है.
आप अपने जिस परिवार को सभी ख़ुशियाँ देना चाहते हो आप अपने इस मानसिक तनाव की वजह से उन्हें सिर्फ़ मानसिक विकृति दे रहे हो.
आज हम आधुनिकता भरे इस संसार में अपनी ज़रूरतों को पूरा करने में इतने व्यस्त हो चुके है की ये व्यस्तता ही हमें एक मानसिक रोगी बनाते चली जा रही है.
Mansik Tanav की वजह से आज हम शाम को घर आ कर ना तो अपने भाई ना अपनी बीवी ना अपनी बहन किसी से सही बात कर पा रहे है ,हम जानते है कि हम धीरे धीरे मानसिक तनाव से ग्रसित होते जा रहे है
लेकिन हम Mental stress से उत्पन क्रोध से सिर्फ़ अपने रिश्तों को तकलीफ़ दे रहे है.
मनसिक तनाव / Mental Stress एक महामारी
हम सब एक ऐसी महामारी से संक्रमित होते जा रहे है जो कोरोना से भी ज़्यादा भयानक है और ये धीरे धीरे हमारे जीवन की ख़ुशियों को कम करती जा रही है.आज हम बड़े गर्व से कई बार ये कहते हुए दिख जाते है.
की हमारे दादाजी या हमारे पिता जी अपने उम्र के इस पड़ाव मे भी बहुत स्वस्थ है लेकिन क्या पता हमारा क्या होगा?
कभी ये बात कहते हुए खुद को आईने में देखिए और सोचिए कि क्या कमी है आपमें और उनके दिनचर्या में जो आज भी वो स्वस्थ है और आप स्वस्थ हो कर भी बीमार, उत्तर आपको मालूम है फिर उसे अपनाने में आपको समस्या क्या आ रही है.आज एक 10 वर्ष का बच्चा भी मानसिक तनाव से ग्रसित है.क्यों?
एक 10 वर्ष का बच्चा जो आज से ही अपनी उम्र से ज़्यादा आपकी वजह से इस मानसिक तनाव का शिकार हो रहा आप उसके सफल भविष्य की कल्पना कैसे कर सकते है, इसका कारण आप खुद हो . क्या आपको पता है की आपका बच्चा क्या चाहता है जीवन में क्या बनना चाहता है?
इस सवाल का जवाब शायद आपके पास ना हो क्योंकि आपने कभी ये जानने की कोशिश ही नही की.वजह है कि जैसे ये जीवन उसे आपकी देन है.
वैसे ही मानसिक तनाव भी उसे आपसे ही विरासत में मिल रही है.शायद आप अंदर से काँप गए हो, आप अपने उस बीमारी का सामना कर रहे हो जिसको आप मानना ही नही चाहते हो की आप मानसिक तनाव से ग्रस्त हो चुके हो.
मानसिक तनाव / मेंटल स्ट्रेस का हमारे संबंधो पर प्रभाव
आज से दस वर्ष पहले वाले खुद को याद करिए उस समय आपके दोस्त होते थे जिनसे आपको और जिन्हें आपसे बिना किसी स्वार्थ के दोस्ती हुआ करती थी आप उनके लिए हमेशा तैयार रहते थे.
और वो आपके लिए और आज के आपके व्यक्तित्व को देखिए कहाँ खड़ा पाते है आप खुद को? जवाब नही है आपके पास क्योंकि आज आप खुद को अकेला और लाचार महसूस कर रहे हो.
क्या वजह है की हम इस मानसिक तनाव जैसी विकृति का शिकार होते जा रहे है क्या वजह है की मानसिक तनाव आज हमारे जीवन में घर कर चुका है और क्यों ? हम मानसिक तनाव से ग्रस्त होने पर मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के पास जा रहे है उन्हें मुँह माँगी फ़ीस दे रहे और कुछ लोग तो शराब का भी सेवन शुरू कर दे रहे है .
आपने अपने बहुत से दोस्तों को शाम को ये कहते हुए सुना होगा की यार शाम को जब तक मैं शराब नही पीता हूँ मुझे नींद नही आती है और मन शांत नही होता.
ऐसा क्यों की उन्हें सोने के लिए और मानसिक शांति के लिए शराब का सेवन करना पड़ रहा है. क्योंकि वो मानसिक तनाव से ग्रसित हो चुके है.
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मानसिक तनाव / Mental Stress से खुद को कैसे निकले
Mansik Tanav से आप खुद को जितनी जल्दी से जल्दी निकल सकते हो निकल लो क्योंकि मानसिक तनाव(Mental Stress) और मानसिक विकृति वो समस्या है जो बहुत से मानसिक रोगों का कारण बनती है।
इससे निकलने के लिए में आपको रास्ते बताऊँगा जिन्हें आपको कठोरता से पालन करना होगा।
मेडिटेशन :-
मेडिटेशन मानसिक तनाव से दूर रहने का सबसे सटीक उपाय है, अगर आपको लग रहा है की आप मानसिक तनाव से ग्रसित हो रहे है तो तुरंत मेडिटेशन करना शुरू कर दे, मेडिटेशन रोज़ करने से आप तनाव से तो दूर रहेंगे ही साथ ही साथ आपको परम शांति की अनुभूति भी होगी।
रोज़ मेडिटेशन करने से आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।मेडिटेशन करने के लिए हमेशा एक शांत स्थान का चुनाव करे जहाँ वायु प्रवेश अच्छा हो।
कार्य शैली में सुधार :-
आज के समय में मानसिक तनाव की सबसे बड़ी वजह हमारी कार्य शैली है,अगर हम अपनी कार्य शैली में सुधार करे तो हमें कभी भी मानसिक तनाव की समस्या से नही गुजरना पड़ेगा ।
हमारे ऑफ़िस का वर्क कल्चर और काम समय पर ना होने की वजह से बॉस की डाँट के डर से हम परेशान(Mental Stress) होने लगते है और यही से हमारी मानसिक तनाव की स्थिति की शुरूवात होती है।
लेकिन हमेशा याद रखे आपको पैसे सिर्फ़ 8 घंटे काम करने के मिलते है तो आपको 8 घंटे में ही अपने सारे काम ख़त्म कर लेने चाहिए।जब आप अपने ऑफ़िस से निकलो तो आपकी स्वयं की ज़िंदगी शुरू होनी चाहिए।
संगीत सुने –
ये बहुत पुराना तरीक़ा है तनाव को दूर करने के लिए। प्राचीन काल में राजा महाराजा संगीत सिर्फ़ मनोरंजन के लिए नही सुनते थे बल्कि जब वो किसी वजह से परेशान(Mental Stress) होने पर भी गीतकारों को बुला कर संगीत सुनते थे।
कई बार आप ने भी जब संगीत सुनना शुरू करते होगे तो आपको मानसिक शांति मिलती होगी।अगर आप किसी ऐसी जगह हो जहां आप अपना मानसिक तनाव कम करने के लिए कुछ नही कर सकते हो तो आप संगीत सुनो।
पौष्टिक आहार –
मानसिक तनाव से दूर रहने के लिए अपने रोज़ के भोजन में पौष्टिक आहार को शामिल करे,आपके मन को मानसिक विकृतियों से लड़ने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है
जो आपके पौष्टिक और संतुलित आहार से मिलेगी। इसके लिए आप किसी भी अच्छे डॉक्टर से अपने लिए पुष्टिक आहार का डाइयट प्लान बनवा सकते है और उनसे सलाह ले सकते है।
स्वयं को समय दे :-
आपका मन जितना शांत रहेगा आप उतना ही मानसिक तनाव की स्थिति से दूर रहेंगे इसके लिए अपनी रोज़ की दिनचर्या में से एक निर्धारित समय अपने लिए निकाले और और अकेले उस समय को शांति से कही भी बैठ कर व्यतीत करे।याद रहे इस समय में आपके दिमाग़ में सिर्फ़ सकरात्मक विचारो के साथ व्यतीत करे।