Tablighi Jamat kya hai ? और क्या विवाद है इससे जुड़ा हुआ जो हर न्यूज़ की हेड्लायन बना हुआ है? आज हम इसके छोटे से छोटे और बड़े से बड़े पहलू पर बात करेंगे, लेकिन हमारे लिए सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है की तबलीग़ी जमात क्या है।
तबलिग़ी जमात इस्लाम धर्म को मानने वालों का एक आंदोलन है या इसे कहे तो ये एक ऐसा कार्य है जिसमें इस्लाम का प्रचार किया जाता है ।
तबलीगी जमात / Tablighi Jamat कब बना और किसने बनाया ?
तबलीग़ी जमात / Tablighi Jamat की स्थापना सन 1926-1927 में मौलाना मुहम्मद इलियास के द्वारा रखी गयी थी, मौलाना मुहम्मद इलियास कंधलवी ने इस कार्य की स्थापना की थी।इसका पहला केंद्र दिल्ली से सटे हुए “मेवात” में था। सबसे पहले तबलीग़ी जमात में मौलाना मुहम्मद इलियास कंधलवी ने अपने कुछ शिष्यों को मेवात में शिक्षा दे कर इसे आगे बढ़ाने के लिए कहा था।
तबलीग़ी जमात / Tablighi Jamat को मौलाना मुहम्मद इलियास कंधलवी के द्वारा शुरू करने की एक वजह हिंदू धर्म का देवबंदी आंदोलन था ।
तबलिग़ी जमात / Tablighi Jamat को मानने वालों के अनुसार ये सुन्नी धर्म प्रचार आंदोलन है। तबलीग़ी जमात / Tablighi Jamat को मानने वालों के हिसाब से ये मुसलमानो को उनके मूल सिद्धांतों की तरफ़ जैसे की पहनावा, धार्मिक तरीक़े से रहना, इस्लाम के अनुसार रहना बताता है। तबलीग़ी जमात ने हमेशा किसी भी राजनैतिक गतिविधि में लिप्त होने से इनकार किया है।
Tablighi Jamat शुरू में मराठा राज्य में इस्लाम के कम हुए प्रभाव और फिर ब्रिटिश के आ जाने के बाद भारत में अपने कम होते प्रभाव और मुस्लिम समुदाय का इस्लाम के सिद्धांतों से झुकाव कम होता देख कर किया गया एक आंदोलन था, जिसका मक़सद मुस्लिम लोगों में इस्लाम के सिद्धांतों की ओर फिर से लाना था।
Tablighi Jamat को मानने वालों को क़ुरान और हदीस पढ़ाया जाता है और इसके उसूलों पर चलना सिखाया जाता है। तबलिग़ी जमात को मानने वालों की संख्या इस वक्त लगभग 12 करोड़ से 25 करोड़ के बीच है, और Tablighi Jamat को मानने वाले विश्व के 150 से अधिक देशों के नागरिक है।
तबलीग़ी जमात के मुख्यतः 6 उसूल होते है –
1- कलिमा
2- सलात
3- इल्म
4- इक्राम -ए -मुस्लिम
5- इख्लास-ए-निय्यत
6- दावत -ओ- तबलीग
इस साल मार्च 2020 में दिल्ली सरकार के सख़्त निर्देश के बाद भी दिल्ली के निज़ामुद्दीन में Tablighi Jamat का आयोजन किया गया था जिसमें कई देशों से आए लोग शामिल हुए थे,शक है कि Tablighi Jamat में आए हुए कुछ स्पीकर्स कोरोना से संक्रमित थे और समूह में रहने की वजह से ये शामिल हुए लोगों में भी फैल गया, तबलीगी जमात में लगभग 2000 या इससे ज़्यादा लोगों के शामिल होने की आशंका है।
तबलीगी जमात / Tablighi Jamat को शक के घेरे में इसलिए भी रखा गया है क्योंकि इसमें आए कई विदेशी नागरिक भारत में टुरिस्ट वीज़ा ले कर आए थे और धर्म प्रचार के इस समूह में शामिल हुए है जबकि धर्म प्रचार के लिए अगर आप किसी देश में जाते हो तो आपको अलग वीज़ा दिया जाता है जो आसानी से नहीं मिलता है, उसके लिए आपको देश के समविधान के द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना होता है।
आज हर जगह ये चर्चा है की कोरोना वाइरस से जब सारी दुनिया पीड़ित है तो तबलीगी जमात / Tablighi Jamat को मानने वाले कोरोना जिहाद करने के लिए कोरोना वाइरस से संक्रमित होने के बाद छुप रहे है ओर मस्जिदों में इन्हें पनाह दी जा रही है , इनका इलाज करने वाले डाक्टर्ज़ पर ये थूक रहे है और सरकार के सख़्त निर्देश के बाद भी समूह में घूम रहे,समूह में नमाज़ पढ़ रहे है,जबकि ये कितना ख़तरनाक हो सकता है ये सबको पता है,इस वक्त इस महामारी (कोरोना) का कोई इलाज नहीं है,सिर्फ़ सोशल डिस्टन्सिंग ( लोगों से दूरी बना कर ) कोरोना वाइरस से सुरक्षित रह सकते है।
एक झलक
आज हमने तबलीगी जमात से सम्बंधित सभी जानकारियों को बारीकी से जाना है, अगर हमारे किसी पाठक को लगता है की हमसे कोई जानकारी साझा करना रह गया है तो कृपया हमें कॉमेंट करके बताए। हम उसे अप्डेट करेंगे जिससे पाठकों को ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी प्राप्त हो।
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