Computer/ Laptop यह शब्द बहुत बार सुना होगा पर क्या आप जानते हैं कम्प्यूटर क्या हैं? ये कैसे काम करता हैं और इसको क्यू बनाया गया ? “कंप्यूटर का आविष्कार कब और किसने किया था? कम्प्यूटर की ज़रूरत क्या हैं?“फ़ुल फ़ॉर्म ओफ़ कम्प्यूटर”, कम्प्यूटर किसे कहते हैं Types of Computer in Hindi , इत्यादि के विषय में आज हम यह बात करेंगे।
भारत को डिजिटल इंडिया बनाने में भारतीय सरकार काफ़ी ज़ोर दे रही हैं, सरकार ने बहुत से स्थानो पर सरकारी संस्थानो की स्थापन की हैं जहाँ से आप स्वयं को डिजिटल इंडिया के साथ स्थापित कर सकते हैं, और बहुत सारी सरकारी नौकरी में हमें कम्प्यूटर का ज्ञान होना आवश्यक कर दिया गया हैं
जिसके लिए आपको O,A,B,C लेवल और टेली (Tally) जैसे कोर्स के लिए सर्टिफ़िकेट ( Certificate) की आवशकता होती हैं, अगर आप किसी सरकारी या प्राइवट नौकरी की preparation कर रहे हैं तो आपको कम्प्यूटर का सम्पूर्ण ज्ञान होना चाहिए,
कम्प्यूटर के विकास के कारण ही आज ये सम्भव हो पाया हैं की इस युग को डिजिटल बनाया जा रहा हैं, मानव द्वारा ये सम्भव हो पाया की एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया जो बेहद शक्तिशाली और गणनात्मक हैं,
जिससे की गणित के समीकरण को करना बेहद सरल हो जाए “कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जो इनपुट के माध्यम से data को लेता हैं फिर प्रॉसेस के माध्यम से उसको प्रॉसेसिंग करता हैं और बाद में हमें डिस्प्ले पे आउट्पुट देता हैं “
कम्प्यूटर के माध्यम से आज थोड़े समय में हज़ारों और लाखों के data को कैल्क्युलेट करना बेहद आसान हो गया हैं। कम्प्यूटर इन data को बहुत ही आसानी से प्रॉसेस कर देता हैं जो एक टाइम पे करना बेहद मुस्किल काम हुआ करता था,
आज कम्प्यूटर जीवन के हर एक प्रणाली को प्रभावित कर रहा हैं चाहे हो खेल, संचार, लेखन इन सबको बेहद सरल और सुयोग बना दिया हैं। इंटर्नेट के माध्यम से मानव जीवन में बहुत से बदलाओ आए हैं जिसे हमारा कार्य गतिमान हुआ हैं।
Computer अब एक गणना मशीन (Calculating Machine) नही रहे गयी हैं अब ये उससे कुछ जादा हो गया हैं, जिसका उपयोग ना अब केवल Home यूज़ office तक सीमित रहे गया हैं।
इससे भी कही और जादा हो गया हैं। कम्प्यूटर का उपयोग आजकल दुनिया के हर क्षेत्र में हैं, जैसे :- फ़िल्म निर्माण, यातायात, रेल्वे स्टेशन,स्कूल, एटीएम, उद्योग,
Father of Computer (कम्प्यूटर के जनक ) :-
Charles Babbage को कहा जाता हैं मॉर्डन कम्प्यूटर का जनक कहा जाता हैं जिनका जन्म 26 December 1719 को London में हुआ था, जो कि एकगणित के ज्ञानी थे।क्यूकी उन्होंने ही सबसे पहले Mechanical (मकैनिकल ) computer को डिज़ाइन किया था, जिसे Analytical-Engine के नाम से भी जाना जाता हैं।इसमें सबसे पहले Punch Card की सहायता से डेटा को insert के लिए उपयोग किया गया था, उसके बाद advanced कम्प्यूटर बनाए गए। Charles Babbage एकगणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और मैकेनिकल इंजीनियर थे . जिनकी सोच ने ही प्रोग्रैमबलकम्प्यूटर को जन्म दिया।”
कम्प्यूटर क्या है ?
कम्प्यूटर अगर इसे सरल भाषा में समझे तो कम्प्यूटर एक मानव नीर्मित एक प्रोग्रैमबल उपकरण ( Device) हैं जो डेटा को पुनःप्राप्त और प्रॉसेस करता हैं।
“कम्प्यूटर “ शब्द मूल रूप से मनुष्यों को दिया गया था,जिन्होंने मकैनिकल कैलकुलेटर, जैसे अबेकस और स्लाइड नियम का उपयोग करके संख्यात्मक गणना की थी।
यह शब्द बाद में एक यांत्रिक उपकरण को दिया गया क्यूँकि वो मानव कम्प्यूटर की जगह लेने लगे। “कम्प्यूटर वो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं जो डेटा इनपुट के रूप में लेता हैं और उस डेटा को प्रॉसेस करता हैं और आउट्पुट प्रदान करता हैं और उसका जो भी परिणाम हो उसको स्टोर करता हैं।
“कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जो इनपुट (कीबोर्ड) के माध्यम से data को लेता हैं फिर प्रॉसेस के माध्यम से उसको प्रॉसेसिंग करता हैं और बाद में हमें डिस्प्ले के रूप में स्क्रीन पे आउट्पुट देता हैं “
कम्प्यूटर का full फ़ॉर्म (full form of computer in Hindi):- वैसे तो इसको कोई फ़ुलफ़ॉर्म नही दिया गया हैं परंतु बोलचाल की भाषा में इसका फ़ुल फ़ॉर्म होता हैं
- C:-Common
- O:-Operating
- M:- Machine
- P:- Purposely
- U:-Used for
- T:- Technological
- E:- Educational
- R:- Research
कम्प्यूटर की पीढ़ी (Generation of Computer in Hindi) :-
यहाँ बता बना मुस्किल हैं की, कम्प्यूटर की development कब से शुरू की थी लेकिन officially computer को generation के अनुसार 5 भाग में Classify किया गया हैं
first generation :-
पहली पीढ़ी ( 1937 -1956 ) DR John V, Atanasoff and Clifford द्वारा पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर बनाया गया था और इसे Atanasoff-Berry कम्प्यूटर कहा जाता था जिसका शॉर्ट form है (ABC)
1943 में सेना के लिए एक colossus नाम का इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर बनया गया था और कई विकास कार्य 1946 तक जारी रहे, पहला सामान्य प्रयोजन डिजिटल कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर और कम्प्यूटर का निर्माण किया गया ऐसा माना या कहा जाता की कम्प्यूटर का वजन 30 टन था.
और इसमें 18,000 वैक्यूम tubes थे जो processing के लिए उपयोग किए गए थे ! इस कम्प्यूटर को पहली बार Philadelphia के sections में रोशनी के लिए चालू किया गया था इस generation के कम्प्यूटर केवल single task कर सकते थे, उनके पास कोई ऑपरेटिंग सिस्टम नही था
- E – ELECTRONIC
- N – NUMERICAL
- I – INTEGRATOR
- A – AND
- C – COMPUTER
ENIAC KO औपचारिक रूप से 15 feb 1946 को पेन्सल्वेन्या यूनिवर्सिटी में समर्पित किया गया और प्रेस द्वारा विश्वविद्यालय मस्तिष्क के रूप में इसकी शुरुआत की गयी, इलेक्ट्रो – मैंकेनिकल मशीनो की तुलना में इसकी गति एक हज़ार गुना तेज थी
दूसरी पीढ़ी (1959-1965):-
पहली पीढ़ी की सफलता के बाद दूसरी पीढ़ी में कुछ परिवर्तन किया गया और इसमें वैक्यूम ट्यूबों के बजाय ट्रांजिस्टर को उपयोग में लाया जाने लगा जो की वैक्यूम के मुक़ाबले विश्वसनीय और लाभदायक साबित हुआ उसके बाद 1953 में इंटरनेशनल बिज़नेस मशीन (आईबीएम) ने अपने 650 और 700 की श्रृंखला के कंप्यूटरों से दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई।
इस पीढ़ी के दौरान ही 100 से भी अधिक कम्प्यूटर प्रोग्रैमिंग भाषा का विकास हो गया, इस पीढ़ी के दौरान ही कम्प्यूटर में मेमरी और ऑपरेटिंग सिस्टम आने शुरू हो गए थे जो डेटा को स्टोर और आउट्पुट के लिए प्रिंटर भी थे।
तीसरी पीढ़ी (1965-1971) :- Macintosh कब आया था
पहली और दूसरी पीढ़ी की के बाद तीसरी पीढ़ी में पहली बार इंटेग्रेटेड सर्किट (IC’s) का आविष्कार हुआ और ये आविष्कार ने कम्प्यूटर के फ़ाइल्ड बहुत बड़ी क्रांति थी क्यूकी इसके बाद कम्प्यूटर को और भी छोटे, शक्तिशाली,
अधिक विश्वसनीय हो गए, और एक ही समय में अलग-अलग प्रोग्राम को चलाने में अत्यधिक सफल हुए,
उसके बाद 1980 में Microsoft डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम(MS-DOS) का जन्म हुआ, 1981 में IBM (आईबीएम) ने अपना पहला पर्सनल कम्प्यूटर को ले कर आया, home or office उपयोग के लिए।
ठीक उसके 3 साल बाद ही Apple ने अपना ऑपरेटिंग सिस्टम Macintosh लाया जो पहला आइकॉन रहित इंटर्फ़ेस था, माइक्रसॉफ़्ट (Microsoft) 90 के दशक में अपना Windows Operating सिस्टम ले कर आया।
चौथी पीढ़ी (1971-1980) :-
इस दौरान फ़ॉर्थ जेनरेशन कम्प्यूटर की शुरुआत हो गयी थी, इस पीढ़ी में माइक्रोप्रासेसर टेक्नॉलजी के साथ साथ ग्राफ़िक्स यूज़र इंटर्फ़ेस टेक्नॉलजी का इजात भी हो गया जो की अपने उपभोगता के लिए आरामदायक साबित हुआ, इस पीढ़ी के कम्प्यूटर पहले से तेज और छोटे हो गए थे अपने आकर में, जितने भी high-level की प्रोग्रैमिंग language थी उसको यूज़र इन कम्प्यूटर में उपयोग कर सकता था
पाँचवीं पीढ़ी :-
1980 में fifth जेनरेशन कम्प्यूटर सिस्टम कि शुरुआत जापान के Ministry of International Trade and Industry( एमआईटीआई ) से हुयी और इसमें मुख भूमिका James Maddox की थी,
पाँचवीं पीढ़ी में VLSI (Very Large Scale Integrated) टेक्नॉलजी बाद में ULSI ( Ultra Large Scale Integration) टेक्नॉलजी बन गयी, जिसका परिणाम ये हुआ की माइक्रोप्रासेसर चिप्स के उत्पादन में दस मिलियन इलेक्ट्रोनिक कम हो गए।
यह जेनरेशन पैरलेल प्रॉसेसिंग hardware ओर आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स (AI) सॉफ़्ट्वेर पे आधारित हैं।आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स, स्पीच recognition, Quantum Calculation जैसे कई advance तकनीक इस्तमाल में आनी शुरू हो गयी हैं यही दौर को ही कम्प्यूटर कि पाँचवीं पीढ़ी कहा जाता हैं।
कंप्यूटर कार्य कैसे करता है ?
जैसा कि ऊपर आपको पहले ही बताया गया हैं की कम्प्यूटर 3 क्रम में अपने कार्य को पूरा करता हैं
(1) Input (Data) – एक कम्प्यूटर फ़ाइल है जिसमें डेटा होता, है जो डिवाइस या प्रोग्राम के इनपुट के रूप में काम करता है ये कोई पिक्चर , विडीओ आदि भी हो सकता है!
(2) Process – इसके दौरान इनपुट हुए डेटा को instruction के अनुसार प्रॉसेसिंग की जाती है और ये पूरी तरह से इंटर्नल प्रॉसेस है!
(3)Output – किसी कम्प्यूटर या कम्प्यूटर प्रणाली से जुड़ा एक ऐसा यंत्र होता है जो सूचना लेता है और उसे कम्प्यूटर के दिए निर्देशो के अनुसार किसी रूप में प्रदर्शित करता है जैसे आउट्पुट के दौरान जो डेटा पहले से प्रॉसेस हो चुकी होती है उसी को रिज़ल्ट के तौर पर दिखाया जाता है , इसे फ़्यूचर में उपयोग करने के लिए सेव कर मेमरी में भी रख सकते है!
कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार (types of computer in Hindi)
कम्प्यूटर के ऐसे तो बहुत से प्रकार होते हैं लेकिन उसको उसके कार्य के अनुसार तीन भागो में बाट दिया गया हैं।
- Based on Work
- Base on Purpose
- Based on Size
Based On Work (कार्य के अनुसार) :- कार्य के आनुसार कम्प्यूटर को तीन भाग में रखा गया हैं।
- Analog
- Digital
- Hybrid
ऐनलॉग कम्प्यूटर वो कम्प्यूटर होते हैं जो Physical Quantities को मापने का कार्य करता हैं जैसे की दबाव ( Pressure), तापमान ( Temperature), वोल्टेज (voltage) और गति (Speed)। भौतिक मात्राओं को मापने के लिए ऐनलॉग कम्प्यूटर को उपयोग में लाया जाता हैं।
डिजिटल कम्प्यूटर Binary Number System का प्रयोग करते हैं जिसे ये data को 0 और 1 के रूप में ले कर उसको प्रॉसेस करके इनपुट को प्रदान करते हैं। डिजिटल कम्प्यूटर ने काफ़ी हद तक ऐनलॉग कम्प्यूटर का स्थान ले लिया हैं,
आज हम जो भी कम्प्यूटर उपयोग में लेते वो डिजिटल ही होते हैं जैसे की Desktop, Laptop, Personal Tablet, Workstation इत्यादि
जैसा कि इसके नाम से ही लगता हैं ये कम्प्यूटर ऐनलॉग और डिजिटल दोनो कार्यों को करने के लिए बनया गया हैं, डिजिटल कम्प्यूटर सामान्य रूप से एक नियंत्रक के रूप में कार्य करता हैं
जो तार्किक (logical) था संख्यात्मक (Numerical) संचालन को प्रदान करता हैं वही ऐनलॉग कम्प्यूटर गणित के अलग अलग equation था गणित के और भी जटिल समीकरण (Complex Equations) को सटीक और सरल रूप से प्रदान करता हैं। इनका उपयोग वैज्ञानिक गणना (Scientific Calculations), रक्षा प्रणाली (Defence System), बड़े उद्योग जैसे स्थानो के लिए किया जाता हैं
Based On Purpose :-Purpose के अनुसार इसको दो भागो में विभाजित किया गयाहैं।
- सामान्य कम्प्यूटर :- जेनरल कम्प्यूटर को हम अपने रोज़ाना उपयोग में लेते हैं जिसे हमारे कार्य करने की गति को बल प्रदान होता हैं और इसके माध्यम से रोज़ाना होने वाले कार्यों को सरलता से पुरा किया जाता हैं, जैसे कि :- , Mobile, Notebook, Laptop, Gaming Play Station इत्यादि देनिक जीवन के उपयोग में लाए जाने वाले सामान्य कम्प्यूटर हैं। जिनसे देनिक कार्य किए जाते हैं फ़िल्म, खेल, मनोरंजन, इंटर्नेट ब्राउज़िंग।
- विशेष कम्प्यूटर :- ये कम्प्यूटर विशेष रूप से बड़ी समस्याओं को ध्यान में रख के बनाए जाते हैं जो विशेष कार्यों को करते हैं जैसे यातायात नियंत्रण (Traffic system control), मौसम विभाग (Meteorology), अंतररिक्ष विज्ञान (Space Science), वैज्ञानिक खोज ( Scientific Research), उपग्रह संचालन सिस्टम ( Satellite Operating System), ऑटमोटिव ऊद्योग ( Automotive Industries) इत्यादि बहुत से स्थानो पे किया जाता हैं।
Based On Size :- आकार के अनुसार कम्प्यूटर को कुछ भागो में बाटा गया हैं।
सुपर कम्प्यूटर :- सुपर कम्प्यूटर दुनिया के सबसे तेज कम्प्यूटर होते हैं जो जटिल से जटिल कार्यों को बहुत ही आसानी से करते हैं ये कम्प्यूटर बहुत ही महँगे होते हैं इनकी data को हैंडल करने की क्षमता बहुत ही अधिक होती हैं ये ट्रिलियन की गणना को बहुत ही कम समय में कर सकते हैं, दुनिया का अब तक का सबसे फ़ास्ट सुपर कम्प्यूटर “Frontier” हैं
जिसका उपयोग floating-point operations per second(FLOPS) में ना करके Million Instructions per second (MIPS) में किया जाता हैं दुनिया के 500 से भी अधिक सुपरकम्प्यूटर Linux operating System पे बने हैं ये बहुत की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
जिसमें क्वांटम यांत्रिक (Quantum mechanics), मौसम पूर्वानुमान (weather forecasting), जलवायु अनुसंधान और तेल और गैस की खोज (climate research, Oil & Gas exploration), भौतिक सिमुलेशन जैसे ( ब्रह्मांड की शुरुआती खोज), परमाणु हथियारों का विस्फोट, इत्यादि कार्यों में उपयोग किया जाता हैं।
माइक्रो कम्प्यूटर (Microcomputer):- माइक्रो कम्प्यूटर देखने में बहुत ही छोटे होते हैं, जो सेंट्रल प्रॉसेसिंग यूनिट (CPU) के रूप में एक अपना माइक्रोप्रासेसर (Microprocessor) को उपयोग करता हैं। इसकी डिज़ाइन छोटा और सस्ता होता हैं ये मिनी कम्प्यूटर और मेन्फ़्रेम की तुलना में आकार में छोटा होता हैं जैसे की Apple का iMac और IBM का IBM PC।
मेन्फ़्रेम और मिनी कम्प्यूटर :- Mainframe कम्प्यूटर का उपयोग उन जगह पे किया जाता हैं जहाँ पर बहुत सारे data का उपयोग होता हैं,
ये आमतौर पर data को बड़ी मात्रा में रखने, तेज data processing करने और high Reliability के साथ डेटा को Safe करने के काम में आता हैं Mini कम्प्यूटर का उपयोग और इसकी विशेषताएँ अत्यधिक होती हैं ये अपने आकार में छोटे तो होते हैं पर इनका उपयोग बहुत होता हैं
मिनी कम्प्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक, एंजिनीरिंग के साथ-साथ व्यापार-लेनदेन, database management, फ़ाइल हैंड्लिंग। मिनी कम्प्यूटर मल्टी यूज़र के सिस्टम का प्रयोग करता हैं जिससे एक ही समय में एक से जादा यूज़र यूज़ कर सकते हैं जैसे IBM का IBM RISC System/6000, HP Series 300/400 , HP 9000
कम्प्यूटर के पार्ट्स क्या होते है
कम्प्यूटर या लैप्टॉप को जब अंदर से खोल के देखा जाए तो उसमें आपको सबसे पहले motherboard दिखता हैं जो देखने में काफ़ी complicated होता हैं, पर असल में वो पार्ट्स इतना भी कॉम्प्लिकेटेड नही होता जितना दिखता हैं। आइए कम्प्यूटर के parts के बारे में जाने।
Motherboard:- यह कम्प्यूटर का मुख पार्ट्स होता हैं जो एक प्लेट का होता और बड़ा भी होता हैं जो सिलिकन से बना होता हैं जिसमें आपको CPU,RAM,HDD(Hard Disk drive), USB Port जैसे अन्य बहुत से पार्ट्स लगे होते हैं जैसा की आप पिक्चर में देख रहे हैं।
प्रॉसेसर (Processor/CPU):- यह कम्प्यूटर का motherboard के बाद दूसरा सबसे important part होता हैं, यह कम्प्यूटर का दिमाग़ (Brain) होता हैं जिसके माध्यम से ही सारी प्रॉसेसिंग होती हैं जिसको सेंट्रल प्रॉसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) कहा जाता हैं CPU में जितने कोर होगे उतना ही fast आपका कम्प्यूटर काम करेगा
हार्ड डिस्क ड्राइव(HDD):- कम्प्यूटर में अगर आप कुछ रखना चाहते हैं जैसे की Video, Audio, Software, Files, Image तो उसके लिए आपको HDD की आवशकता होती हैं
जहां पे आप अपने कार्यों को सुरक्षित रख सकते हैं और HDD इसलिए भी ज़रूरी होती हैं क्यूकी अगर आपको कोई बड़े amount में data रखना चाहते हैं
तो इसकी ज़रूरत होती हैं ये 2 टाइप की होती हैं HDD और SSD, SSD जादा तेज होता हैं हार्ड डिस्क से
RAM:- इसका full फ़ॉर्म होता हैं Random Access Memory. इसको कम्प्यूटर का Short Term Memory के रूप में कार्य करता हैं और जो भी कैल्क्युलेशन किया जाता हैं.
RAM उसको temporarily रूप में save करता हैं, कई बार देखा गया हैं अगर आप कोई काम करे रहे हैं जैसे कोई Excel या Word की फ़ाइल पे कोई काम कर रहे हैं और अपने उस data को कही save नही किया हैं अगर उस समय आपका कम्प्यूटर या लैप्टॉप बंद हो जाता हैं.
किसी भी कारण तो जो आप ने जो data बनया हैं वो नष्ट हो जाएगा, Data को शुरक्षित रखने के लिए उसको HDD में save करे ताकि आप उसको लंबे समय तक उपयोग कर पाए। RAM को MB(Megabytes) और (gigabytes) GB में मापा जाता हैं, RAM आपके कम्प्यूटर और लैप्टॉप की पर्फ़ॉर्मन्स को बेहतर बनता हैं।
Aux port:- Aux port का उपयोग ऑडीओ को output लेने के लिए किया जाता हैं।
USB port:- USB port का उपयोग Pendrive, DVD writer, USB keyboard और Mouse, फ़ोन चार्जिंग, External USB Port के लिए उपयोग
HDMI Port:- HDMI port का उपयोग Projector/ Monitor पे स्क्रीन extend के लिए किया जाता हैं
LAN Port:- LAN port का उपयोग कम्प्यूटर में Internet के लिए किया जाता हैं
Power Supply:- ये कम्प्यूटर का सबसे इम्पोर्टेंट part होता हैं क्यूकी बिना पावर सप्लाई के आप कम्प्यूटर को उपयोग में नही ला सकते, ये AC (Alternative Current) को DC (Direct Current) में प्रवर्तित करता हैं कम्प्यूटर 12 Volt DC Current पे कार्य करता हैं, कम्प्यूटर के और भी इंटर्नल पार्ट्स हैं जो 12 Volt से भी कम सप्लाई लेते हैं।
कम्प्यूटर से हानि और लाभ
वैसे तो हर चीज के दो पहलू होते हैं ऐसे ही कम्प्यूटर के लाभ भी हैं और हानि भी ये उसके उपयोग करने वाले पे निर्भर करता हैं की वो इसको उपयोग करके किसको लाभ पहुँचता हैं और किसको हानि।
लाभ
- इससे गणना करना काफ़ी आसान हो गया हैं
- गणना तब तक ग़लत नही होगी जबतक आप क़ोई ग़लत निर्देश नही देंगे
- संचार में बहुत उपयोग होता हैं एक अच्छा माध्यम हैं
- एक सस्ता उपकरण हैं
- समय की बचत होती हैं
- जानकारी को एक से दूसरे स्थान पे जल्दी से भेजा जा सकता हैं
- इससे कोई भी इस्तमाल कर सकता हैं बहुत ही सरल भाषा का उपयोग किया गया हैं
- बहुत बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर कर सकते हैं
- आपका data safe and Secure रहेता हैं
हानि
- ज़्यादा देर तक उपयोग करने से आपको आँखों में कमजोरी हो सकती हैं
- हैकिंग कि समस्या होना
- वाइरस का अटैक होना जिसे आपकी फ़ाइल बेकार हो सकती हैं
- समय की बर्बादी अगर ग़लत तरीक़े से उपयोग में ले तो
- सर और कमर में दर्द
- शारीरिक गतिविधि में रुकावट आना
- लैप्टॉप को जाँघ पे रख कर अधिक उपयोग से नपुंसकता हो सकती हैं
Computer Hardware & Software in Hindi:-
कम्प्यूटर के hardware वो पार्ट्स होते हैं जिनको आप फ़िज़िक्ली Touch कर सकते हैं जैसे की Motherboard, RAM, CPU, Mouse, Keyboard ये सब hardware के पार्ट्स होते हैं।
वही software वो होते हैं जिन्हें आप touch करके feel नही कर सकते हैं परंतु उसको आप देख सकते हैं जैसे की ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) जैसे Windows 10, Linux, Unix, Ubuntu, Fedora और भी ऐप्लिकेशन software हैं जैसे माइक्रसॉफ़्ट ऑफ़िस (Microsoft Office), Adobe Reader, Filmora, Winrar, Keynote, Number, Google Chrome आदि बहुत से Software हैं जिनको हम अपनी ज़िंदगी में उनके अनुसार उपयोग में लाते हैं।
कम्प्यूटर के अन्य प्रकार (Other types of Computer in Hindi):-
कम्प्यूटर के अन्य भी बहुत से प्रकार हैं जैसे की
- Mobile :- मोबाइल भी एक टाइप का कम्प्यूटर ही हैं जिसको यूज़ करके आप किसी से बात कर सकते हैं, मनोरंजन के लिए internet का उपयोग करके Video, Audio म्यूज़िक सुन सकते हैं application(Apps) का यूज़ कर सकते हैं Camera से पिक्चर क्लिक कर सकते हैं, इसमें भी RAM,ROM(Internal Memory), CPU होते हैं जैसे की कम्प्यूटर में होता हैं
- Smart Watch:- स्मार्ट वॉच भी एक टाइप का छोटा कम्प्यूटर होता हैं जिसको आप अपनी कलाई पे use करते हैं जो आपके फ़ोन के साथ कनेक्ट हो जाता हैं जिसके उपयोग से आप किसी को massage भेज सकते हैं किसी को कॉल कर सकते हैं अपने पूरे दिन कितना walk किया हैं वो देख सकते हैं आपको कब पानी पीना हैं उसका टाइम सेट कर सकते हैं और भी बहुत से फ़ीचर होते हैं Apple, MI, Fossil की smart watch आती हैं
- Tab:- Tab या Tablet ये भी एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होते हैं जो कॉलिंग और non-Calling ऑप्शन के साथ आते हैं ये डिवाइस मोबाइल के मुक़ाबले आकार में बड़े होते हैं इनमे भी वो सब आप कर सकते हैं जो आप एक मोबाइल में करते हैं
- iPad:- ये भी एक टाइप का कम्प्यूटर होता हैं जो थोड़ा अलग होता हैं क्यूकी इसमें Apple का iOS operating सिस्टम का उपयोग किया जाता हैं इसका interface आपको Android से अलग मिलेगा जैसा की iPhone और iMac में होता हैं, बाक़ी इसमें भी वही कार्य होता हैं जो आप एक ऐंड्रॉड डिवाइस में करते हैं बस interface और OS, file system का फ़र्क़ होता हैं।
“आज की इस पोस्ट में हमें जाना कम्प्यूटर क्या है यह कैसे काम करता है । इंसानो ने कम्प्यूटर को क्यू बनाया ? आज हम इस टेक्नॉलजी का उपयोग कहा-कहा कर रहे है। के बारे में हम ने hindi में जाना
अगर कम्प्यूटर का उपयोग हम ना करते तो शायद आज हम इतने शक्तिशाली ना होते। इस कम्प्यूटर युग ने एक अलग क्रांति ला दि है जिसका उपयोग हम अपने day-to day के कामों में ही नही बल्कि दूसरे ग्रहों को खोजने में कर रहे है।
आज हम इतने advance technology जो आज हम यूज़ कर रहे है।और इससे दिन प्रतिदिन आगे ले जा रहे है इसमें बहुत से महान लोगों का सहयोग रहा है, हम ने computer ki puri jankari hindi me ले ली आज
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