भारत में इस्लाम का आगमन कब कैसे क्यों और कहाँ हुआ

हम सब जानते है कि आज के वक्त में दुनिया में इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या बहुत है ओर आज के वक्त में इस्लाम  धर्म को मानने वाले दुनिया के हर कोने में है।हमारे भारत देश में भी इस्लाम धर्म के बहुत अनुयायी है

जो कि कई दशकों से भारत में रह रहे है, लेकिन क्या आपको ये पता है कि भारत में इस्लाम धर्म का आगमन कब, कैसे क्यों और कहाँ हुआ ? मोहम्मद बिन कासिम भारत कब आया? मोहम्मद बिन कासिम की मृत्यु कैसे हुई?मोहम्मद बिन कासिम का शासनकाल कब तक था ऐसे अन्य विषयों पर बात करेंगे।

भारत में सनातन धर्म के बाद दूसरा इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग सबसे ज़्यादा है 2020 में हमारे भारत देश में 195 million muslim (19 करोड़) धर्म को मानने वाले लोग है जो दुनिया की 3 सबसे बड़ी 14.2 % मुस्लिम आबादी वाला देश है 

2020 में UN (United Nation) के डेटा के अनुसार 1,369.56 मिल्यन जनसंख्या है अभी भारत की,

ऐसे में हर कोई यह जानना चाहता है की आख़िर भारत में भारत में मुगलों का आगमन कब हुआ?

हमारे समाज में आज भी कई लोगों को ये नहीं मालूम की वास्तव में इस्लाम धर्म हमारे देश में कब कैसे क्यों और सबसे पहले कहाँ आया था। आज भी अपने देश की अधिकतर जनता ये सोचती है की इस्लाम धर्म का आगमन हिंदुस्तान में बारहवीं शताब्दी  में हुआ है।

क्या आप जानते है भारत में कितने राज्य और केंद्र केंद्रशासित प्रदेश हैं?

मुस्लिम धर्म का आगमन कब कैसे क्यों और कहाँ?

तो दोस्तों आज हम ये विस्तार से जानेंगे की भारत में  इस्लाम धर्म का आगमन कब कैसे क्यों और कहाँ हुआ, भारत में मुस्लिम शासक का इतिहास, भारत का पहला मुस्लिम शासक कौन था ?

भारत में सबसे पहले इस्लाम धर्म का आगमन सन 712 में हुआ था। जी हाँ अपने सही सुना सन 712 में भारत के सिंध प्रांत पे 17 वर्ष की आयु में मुहम्मद बिन क़ासिम ने सिंध पे अपना पहला हमला किया, ये हमला भारत पे किसी इस्लामिक देश या इस्लामिक राजा का पहला हमला था।

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यहाँ  से ही भारत देश में मुस्लिम धर्म का आगमन का रास्ता खुला, ये वो वक्त था जब इस्लाम धर्म धीरे धीरे विकसित हो रहा था।

उस वक्त सिंध के राजा दाहिर सेन थे, दाहिरसेन ने बहुत बहादुरी के साथ मुहम्मदबिनक़ासिम का मुक़ाबला किया लेकिन अंत में उन्हें हार का सामना करना पड़ा ।

भारत में इस्लाम का आगमन सबसे पहले भारत के उस समय के सिंध प्रांत में हुआ था,जो आज पाकिस्तान का हिस्सा है।

मुहम्मद बिन क़ासिम का जन्म आज के साउदी अरब के ताईफ़  शहर में हुआ था, उसके पिता का नाम क़ासिम बिन यूसुफ़ था ओर वो उम्म्यादों के राज्य में इराक़ के राज्यपाल थे।

मुहम्मद बिन क़ासिम ने अपने चाचा की बेटी जूबेदाह  से शादी की थी।मुहम्मद बिन क़ासिम अरब साम्राज्य में अल वालिद  प्रथम का राज्यपाल था ,उस समय राजा के नीचे ख़लीफ़ा ओर फिर राज्यपाल हुआ करते थे।

भारत पर आक्रमण और इस्लाम का आगमन

17 वर्ष की आयु में अपने चाचा की लड़की ज़ुबैदाह से शादी करने के बाद 6000 सैनिकों को लेकर वो पूर्व में भारत में हमला करने के लिए निकला और मकरान पहुँचा उस वक्त मकरान भी अरब साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था।

मकरान के राज्यपाल ने उसे कुछ सैनिक ओर लड़ाकू दस्ते दिए, मुहम्मद-बिन क़ासिम अरब साम्राज्य का बहुत वफ़ादार राज्यपाल था।

और इसी भरोसे पे अरब साम्राज्य के उसी समय के शासक अल वालिद प्रथम ने उसे भारत पे विजय प्राप्त करके अरब साम्राज्य के विस्तार के लिए भेजा था।

ओर यही से इस्लाम धर्म का भारत में आगमन हुआ ,इस्लाम धर्म पहली बार भारत में आया, इसका भारत में आगमन का सिर्फ़ एक मक़सद था वो था अरब साम्राज्य ओर मुस्लिम धर्म का विस्तार।

मकरान से कश्तियों में बैठ कर ये अपनी सेना के साथ आज के कराची शहर जो उस वक्त सिंध प्रांत का हिस्सा हुआ करता था, के देबल बन्दरगाह पे पहुँचा।

दाहिर सेन को जब ये पता चला की मुहम्मद बिन क़ासिम देबल के बंदरगाह पे पहुँच चुका है तो उन्होंने तुरंत अपनी सेना को लड़ाई के लिए तैयार किया ओर दोनो  की सेना आमने सामने थी,कहते है की दाहिर सेन ने बहुत बहादुरी के साथ मुहम्मद बिन क़ासिम का मुक़ाबला किए ओर लड़े लेकिन आख़िर में वो लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए।

अरब साम्राज्य और मुस्लिम धर्म का भारत में विस्तार 

दाहिर सेन को हारने के बाद मुहम्मद बिन क़ासिम ने बहुत ख़ज़ाना लूटा ओर बहुत से लोगों को बंदी भी बनाया ओर उन्हें अपने राज्य में ग़ुलाम बना कर ख़लीफ़ा ओर अपने राजा के लिए भेजा दाहिर सेन को हराने के बाद मुहम्मद बिन क़ासिम ने ब्रह्मनाबाद

ओर मुलतान पे ही हमला किया ओर वहाँ  के राजाओं को बहुत ही बेरहमी से मार दिया ओर उन पे क़ब्ज़ा कर लिया।मुहम्मद बिन क़ासिम के हमले से पहले अफगनिस्तान में बोध ओर हिंदू धर्म मुख्य धर्म थे।

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    भारत में सिंध ब्रह्मनाबाद ओर मुलतान पे क़ब्ज़ा करने के बाद मुहम्मद बिन क़ासिम ने भारत के कई राजाओं को ख़त लिख कर अपने राजदूत भेजे की वो मुस्लिम धर्म अपना कर अरब साम्राज्य की आधीनता स्वीकार कर ले ।

 कहते है कि दाहिर सेन की हत्या करने के बाद मुहम्मद बिन क़ासिम ने बहुत से आम लोगों को ग़ुलाम बना कर अपने देश में अपने ख़लीफ़ा ओर राजा के लिए भेज दिया ओर साथ ही साथ दाहिर सेन की तीनो बेटियों को भी ग़ुलाम बना लिया था।

मुहम्मद बिन क़ासिम की मृत्यु ओर उसका भारत से वापसी  

मुहम्मद बिन क़ासिम ने भारत के कई राज्यों को जीता लेकिन उसकी ये सफलता ज़्यादा दिन तक नहीं रही अरब साम्राज्य में उस वक्त विरोध शुरू  हो चुका था वह के सुल्तान का तख्ता पलट होने के बाद इससे वापस बुला लिया गया ।

मुहम्मद बिन क़ासिम की मृत्यु की कई सारी कहानिया है लेकिन कोई पक्की कहानी का वर्णन नहीं मिलता, ईरानी इतिहासकार बलाजुरी के अनुसार सुलायमान बिन अल मलिक हज़्ज़ाज का दुश्मन था।

ओर सत्ता हाथ में आती ही उसने हज़्ज़ाज के सभी वफ़ादारों को मारना शुरू कर दिया इसी के तहत उसने मुहम्मद बिन क़ासिम को वापस बुला के जेल में बंद कर दिया ,जिसके बाद  मुहम्मद बिन क़ासिम की मृत्यु हो गयी 

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एक ओर प्रचलित कहानी के अनुसार जब दाहिर सेन की हत्या करने के बाद मुहम्मद बिन क़ासिम ने उनकी बेटियों को ग़ुलाम  बना कर भेजा तो उनकी बेटियों ने बदला लेने के लिए ख़लीफ़ा से कहा कि मुहम्मद बिन क़ासिम पहले ही उनकी इज्जत लूट चुका है

और उसके बाद उसने उन्हें भेजा है ये सुन  कर ख़लीफ़ा बहुत ग़ुस्से में आ जाता है ओर तुरंत अपने सेनापति को आदेश देता है की मुहम्मद बिन क़ासिम को बंदी बना कर उसके पास ले कर आया जाए ,सैनिक उसे बंदी बना लेते है ओर बैल की चमड़ी से बांध कर ख़लीफ़ा के पास ले जाते है कहते है की बैल के चमड़ी से बांधने की वजह से उसकी मृत्यु हो जाती है ।

उम्मीद करता हूँ की इस आर्टिकल को पूरा पढ़ के आपको ये ज्ञात हो गया होगा की भारत में इस्लाम का आगमन कब कैसे क्यों और कहाँ हुआ ।

मुहम्मद बिन क़ासिम ही वो पहला इंसान था जिसने भारत पे सबसे पहले हमला किया,मुहम्मद बिन क़ासिम के साथ ही मुस्लिम धर्म का भारत में आगमन हुआ,लेकिन मुहम्मद बिन क़ासिम की मृत्यु के बाद धीरे धीरे सिंध ओर उसके आस-पास के इलाक़ों से अरबों का शासन कमजोर हो गया।

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