क्या आप जानते है Operating System kya hai (What is Operating System in Hindi)? Types of OS?
अगर आपको नही पता तो ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नही है। आज की इस पोस्ट हम जानेगे की OS kya hota hai और यह कैसे काम करता है।
जैसा कि जब भी आप अपने लिए कोई laptop या computer लेते है तो आप दुकानदार से यह ज़रूर पूछते होगे की इसमें कौनसा ऑपरेटिंग सिस्टम है जैसे :- Linux, Windows( Windows XP, Windows 7/8/10) या फिर Mac, Android OS।
यह सब OS के नाम है जिनको हम अपने कम्प्यूटर/ लैप्टॉप पर उपयोग करते है।
ठीक उसी प्रकार कुछ OS को हम अपने स्मार्टफ़ोन पर भी उपयोग करते है जिनको आप Android 9 Pie, MIUI 12, MIUI 11, Android Oreo इत्यादि के नाम से जानते है।
इस सब के बारे में हम थोड़ा ना थोड़ा ज्ञान तो होता ही है लेकिन इस पोस्ट में हम आपको इसके बारे में पूरी डिटेल से बतायेंगे। और यह भी जानेगे की How many types of Operating System in Hindi, तो चलिय शुरू करते है।
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता हैं – What is Operating System in Hindi
ऑपरेटिंग सिस्टम एक सॉफ़्टवरे होता है जिसको कम्प्यूटर पर चलने के लिए बनाया गया है।यह Computer hardware और End user के बीच interface का काम करता है।किसी भी other प्रोग्राम को run करने के लिए कम्प्यूटर में एक OS होना चाहिय।
इसको हम सिस्टम सॉफ़्टवरे और इसके छोटे नाम OS / Operating System से भी जानते है।
इसको अगर मैं आपको सरल भाषा में बताऊँ, तो जब भी आप अपने कम्प्यूटर या लैप्टॉप से कोई भी टास्क पर्फ़ोर्म करते हैं तो OS ही होता है जिसकी मदद से आप अपने कम्प्यूटर में किसी भी टास्क को पर्फ़ोर्म कर पाते हैं ।
जब भी आप अपने keyboard से कुछ भी लिखते हैं और उसको अपने computer screen पर देखते है ये सभी काम OS के द्वारा ही सम्भव हो पता है।
लेकिन फिर यह सवाल आता है की OS (ऑपरेटिंग सिस्टम) को इतना Importance क्यों दिया जाता है?
OS ही Computer Hardware को अच्चे से उपयोग करने में सहायता प्रदान करता है। जैसे की जब भी हम अपने keyboard से कोई भी Input देते है तो वह उस Instruction को Process करता है, और Output को कम्प्यूटर की स्क्रीन पे भेज देता है।
इसलिए ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना कम्प्यूटर किसी भी काम का नही रहेगा क्यूँकि ऑपरेटिंग सिस्टम ही कम्प्यूटर हार्डवेयर को काम करने के लायक़ बनती है।
ऐसे ही मोबाइल में उपयोग होने वाले OS को हम Android के नाम से जानते है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य (Functions of Operating System)
वैसे तो हम कम्प्यूटर से बहुत सारे काम करते है लेकिन क्या आप ये जानते है कि End-User और Computer के बीच तालमेल कैसे होता है, जैसा कि हमें पता है Computer एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं जो डेटा इनपुट के रूप में लेता हैं और उस डेटा को प्रॉसेस करता हैं और आउट्पुट प्रदान करता हैं जिसके बारे में मैंने अपनी पिछली पोस्ट में बताया था।
परंतु Computer अब एक गणना मशीन (Calculating Machine) नही रहे गयी है इसका उपयोग आज हम बहुत से कार्यों में कर रहे है।
और उस में OS का बहुत बड़ा योगदान है आज हम OS के अलग अलग कामों के बारे में जानेगे।
Memory Management :-
OS ही मेमरी को manage करता है यह हमारे कम्प्यूटर कि primary memory की पूरी जानकारी रखता है और यह भी देखता है की मेमरी का यूज़ कौनसा ऐप्लिकेशन कर रहा है।
जब कोई नया app को memory की request करता है तो यह उससे Memory allocate करता है।
Device Management
यहाँ पर हमें कम्प्यूटर में इंस्टॉल किए गए सारे हार्डवेयर डिवाइस की जानकारी मिलती है। इसे I/O Controller भी कहते है।
यहाँ से किसी भी हार्डवेयर के ड्राइव को Update और Install-Uninstall किया जा सकता है।
File Management
यह निर्धारित करता है की कौनसी resources file को allocate था deallocate करना है।
इसमें हमें फ़ाइल की Location, Status की Information मिलती है।
Processor management
यह कम्प्यूटर पर चल रहे प्रोग्राम को CPU allocate करता है और प्रोग्राम बंद होने पर उसे deallocate भी कर देता है।
Security
यह कम्प्यूटर को unauthorized प्रोग्राम और डेटा के ऐक्सेस से बचाता है।
कम्प्यूटर को सिक्यर बनाने के लिए हम password था अन्य तकनीक का इस्तमाल करते है।
Easy to use
OS को आसानी से समझा और उपयोग किया जा सकता है इसका इंटर्फ़ेस GUI होने की वजह से काफ़ी आसान है इसको समझना।
Error
यह सिस्टम में error detaction का भी काम करता है। OS बहुत सारे erroes को खुद ही detacted करके सही कर देता है।
कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर तालमेल
यह Compiler, Interpreter और assembler को Task assign करता है
जैसे मान लिजिए, आप को एक फ़ाइल डाउनलोड करनी है जिसकी Size 5MB है अपने desktop पर
तो ऑपरेटिंग सिस्टम पहले उस फ़ाइल के लिए 5mb space allocate कर देगा, फिर फ़ाइल मैनेजर इस काम को करेगा।
Communication between user & system
बाक़ी सब applications को user-friendly बनाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम BIOS में Store होता है।
Cost
वैसे तो ऑपरेटिंग सिस्टम की cost उसके feature के अनुसार निर्धारित होती है,
जैसे :- windows OS के लिए हमें कुछ ना कुछ प्राइस pay करनी होता है जबकि आप Unix और DOS ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ जाते है तो वो फ़्री os है।
Operating system advantage vs disadvantage
Advantage
- इसकी मदद से हम data को बहुत सारे user के साथ share कर सकते है
- इसको यूज़ करना आसान है
- इसकी हेल्प से आप नेटवर्क में आप अपने प्रिंटर को share कर सकते है
- security के काफ़ी फ़ीचर मिल जाते है like :- defender
- Free & Open Source OS भी है जैसे :- (Unix, Linux, Ubuntu, )
- high-graphic games खेल सकते है।
disadvantage
- ऑपरेटिंग सिस्टम फ़्री और Paid भी है
- Linux को यूज़ करना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन आप कुछ दिन यूज़ करो तो उसका interface आपको समझ आ जाएगा
- वही Windows Linux के मुक़ाबले ईज़ी है इसका interface काफ़ी simple है।
- कुछ os में viruses का ख़तरा ज़्यादा होता है।
- Mac os में आपको हार्डवरे commpbility का issue देखने को मिल सकता है अगर आप इसको किसी और Hardware पर यूज़ करते है तो।
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार types of Operating system in Hindi
वैसे तो टेक्नॉलजी काफ़ी तेज़ी से बदल रही है और इसका उपयोग भी ज़्यादा हो गया है ।
हमारे पास कुछ 8 टाइप के os है जिनका उपयोग हम रेलवे, रीसर्च सेंटर, इंडस्ट्री जैसे कामों को करने के लिए करते है
तो आइए जानते है types of Operating system in hindi.
- 1.Multi-user & Single-user
- 2. Multitasking
- 3.Multi-Threading
- 4.Real-Time
- 5.Network
- 6.Time-sharing
1.Multi-user & Single-user ऑपरेटिंग सिस्टम
Single-user ऑपरेटिंग सिस्टम वह सिस्टम होता है जिसे एक समय में केवल एक ही यूज़र ऐक्सेस कर पाए।
मल्टीयूज़र ऑपरेटिंग सिस्टम वह सिस्टम होता है जिससे एक समय में बहुत सारे users उस कम्प्यूटर को ऐक्सेस कर पाए। और अपने किसी भी काम को बड़ी ही आसानी से कर पाए।
2. Multitasking
इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर हम एक साथ कई ऐप्लिकेशन को चला सकते है जैसे की हम Video editing & Youtube video साथ में चला सकते है ऐसा हमें आजकल के नए Laptop/ Computer OS में देखने को मिलता है।
3.Multi Processing
इस ऑपरेटिंग सिस्टम की हेल्प से हम एक प्रोग्राम को एक से अधिक CPU पर चला सकते है। ( ऐसा हम गेमिंग लैप्टॉप में ज़्यादा CPU का उपयोग देखते है)
4.Real Time ऑपरेटिंग सिस्टम
Windows ऑपरेटिंग सिस्टम इसका सबसे अच्छा example है।
Real Time में आपको काफ़ी अच्छा अनुभाव मिल जाता है ऑपरेटिंग सिस्टम ही कम्प्यूटर को प्रोग्रैमबल मशीन बनता है जिससे उससे यूज़ करना आसान हो जाता है।
5. Network ऑपरेटिंग सिस्टम
इसको हम NOS के नाम से भी जानते है, network में जुड़े हर कम्प्यूटर को यह अपनी सर्विस देता है
जैसे :- Printer Sharing, file sharing, application sharing
Network ऑपरेटिंग सिस्टम एक software होता है जो allow करता है multiple computers को एक साथ commnunicate करने के लिए, इसकी हेल्प से हम file और Hardware डिवाइस की sharing करते है।
6.Time Sharing ऑपरेटिंग सिस्टम
सारे ऐप्लिकेशन सही से काम करे इसके लिए OS को कुछ समय दिया जाता है इसे single और multitasking सिस्टम भी बोला जाता है।
task को पूरा करने में जितना समय लगता है उससे quantum बोलते है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम
- Mac OS
- Linux OS
- Android
- iOS
- MS-DOS
- Windows
- Ubuntu
Client Operating system क्या होता है?
कम्प्यूटर डेस्क्टाप को automation tasks perform करने के लिए बनाया गया है desktop बहुत ही unique होता है क्यूँकि इसको यूज़ करने के लिए हमें कोई network या external components की ज़रूरत नही होती इसको operate करने के लिए।
हर एक ऑपरेटिंग सिस्टम को डिज़ाइन किया जाता है कुछ specific function को करने के लिए specific hardware के लिए, hardware compatibility सबसे ज़रूरी होता है एक सही OS का चुनाव करने के लिए।
Windows इस समय सबसे ज़्यादा यूज़ होने वाला क्लाइयंट ऑपरेटिंग सिस्टम है
Operating System की पूरी जानकारी
आज हमने जाना की Operating system kya hota hai, इसके function और Types of Operating system in Hindi इत्यादि के बारे में बहुत ही बारीकी से जाना है।
OS कितना ज़रूरी है यह आप अब जान गए होंगे और किसी भी other प्रोग्राम को run करने में OS का कितना बड़ा योगदान है।
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